global warmingमोटे अक्षर

ग्लोबल वर्मिंग वर्तमान समय मे बहुत बड़ी समस्या के रूप मे उभरी है। संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यु एन ई पी) के अनुसार धरती की रक्षा के लिए निवेश केवल सरकारों के स्तर पर नहीं होना चाहिए,बल्कि निजी क्षेत्र को भी इसमे सहभागिता करनी होगी।

पृथ्वी दिवस हर साल 22 अप्रैल को पूरे विश्व मे मनाया जाता है।इस दिन यह संकल्प किया जाता है की बढ़ती हुयी ग्लोबल वार्मिन अथवा वैश्विक तापन को कैसे कम किया जाये।

पर्यावरणविदों के अनुसार 90 प्रतिशत ग्लोबल वार्मिंग कि वजह ग्रीन हॉउस गैसों ,वनो कि कटाई और जीवाश्म ईंधन का दहन है,तथा पिछली एक सदी मे पृथ्वी कि सतह के औसत तापमान मे तेजी से बढ़ोतरी हो रही है।

आईपीसीसी के अनुसार 21 वीं सदी के अंत तक पृथ्वी कि सतह का तापमान तय मानक दो डिग्री सेल्सियस से अधिक बढ़ सकता है।

तापमान बढ़ने से अर्कटिक के ग्लैसियर पिघल सकते हैं।समुद्र का तापमान बढ़ सकता हैं।


[[Mithungyan (talk) 07:30, 19 May 2022 (UTC)File:ग्लोबल.jpg]]